दरभंगा : राजनितिक मानचित्र से बेदखल कर दी गई मिथिला विकास के मामले में भले ही दरिद्रता झेलने को अभिशप्त रही है ,लेकिन सभ्यता ,संस्कृति ,कला ,साहित्य ,संगीत का डंका देश दुनिया में बजाती आई है . नई डगर पर चलने में यह हिचकती रही और तजबीज करना इसकी आदत रही ,लेकिन मायानगरी की तरफ कदम बढाने में इसने बहुत देर नही की ,सीने - संसार के इतिहास में मिथिला तकरीबन 78 साल पूर्व महाकवि विधापति के साथ खड़ी मिलती है .बीसवीं सदी के तीसरे दशक में बनी फिल्म विधापति में मिथिला खिलखिलाती हुई स्वागत करती है .इतिहास -पुरुष मिथिला नरेश शिव सिंह और महाकवि विद्यापति को लेकर बनी इस फिल्म में पृथ्वी राज कपूर ,पाढ़ी सान्याल ,कानन देवी ,के सी डे ,के एन सिंह ,केदार शर्मा ,छाया देवी ने भूमिका की थी .मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी दरभंगा के सपूत प्रहलाद शर्मा ने भी भारत भूषण ,नजिमा मुराद ,विपिन गुप्ता ,सिम्मी ,कंवलजीत को लेकर 1960 के दशक में विद्यापति फिल्म बनाई .इसमें मोहम्मद रफी व लता मंगेशकर ने मैथिली गीत भी गाए .प्रहलाद शर्मा ऐसा नाम है जिन्होंने दरभंगा सरीखे कस्वाई शहर में भले ही जन्म लिया ,लेकिन भारतीय सिने - संसार को संजीव कुमार एवं हेमा मालिनी को लेकर बनाई गई फिल्म धुप छाव सहित आधा दर्जन फिल्मो के निर्देशक रहे .वही राज कपूर की फिल्म तिसरी कसम में चौधरी परमानन्द के द्वारा चाह की दूकान का संवाद सहित अन्य गतिविधियों ने मैथिली को नई राह दी .मैथिली फिल्म - निर्माण के प्रयास शुरू हुए और आज मैथिली फिल्म अपने 50 साल की यात्रा पूरी कर रही है .भले ही फिल्म निर्माण प्रदर्शन में देर हुई ,लेकिन अब तक पाचं दर्जन से अधिक फिल्म मैथिली में बन चुकी है .अतीत से झाकती मैथिली फिल्म "अपराजिता " भले ही पूर्ण नही हो सकी लेकिन गतिरोध टूटा ममता गाबय गीत ,कन्यादान ,जय बाबा बैधनाथ ,भौजी माय ,ललका पाग ,गोनू झा , हमरा लग रहब ,सस्ता जिनगी महग सेनुर ,आउ पीया हमर नगरी .कखन हरब दुःख मोर ,सेनुरक लाज ,दुलरुआ बाबू , गरीबक बेटी ,मायक कर्ज ,काजर ,पीया संग प्रीत करब कोना ,सेनुरिया ,सजना के अंगना में सोलह सिंगार ,मुखिया जी आदि बड़े पर्दे की फिल्म व सीडी फार्मेट की दर्जनों फिल्मे बनी .कई ने धमाल मचाया तो कई घोषणाओं में ही सिमट गई .कुछ डिब्बे में बंद रह गई .परिणाम ज्यादा उत्साहवर्द्धक नही रहे .लेकिन इसने सिने - जगत को मिथिला के दरभंगा ,मधुबनी ,समस्तीपुर ,बेगुसराय ,कटिहार ,खगड़िया ,सहरसा ,मधेपुरा ,सुपौल ,पूर्णिया ,किशनगंज ,सीतामढ़ी ,शिवहर ,मुजफ्फरपुर ,बेतिया ,मोतिहारी ,वैशाली सहित नेपाल के विभिन्न जिलो से सैकड़ो की तादाद में निर्माता ,निर्देशक ,अभिनेता सह कलाकार,गायक संगीतकार तकनिकी क्षेत्र में दिए .