Wednesday, 16 October 2013

मैथिली फिल्म फेस्टिवल


> 9 को मिला माइफ़ा एवार्ड
> पहले मैथिली फिल्म फेस्टिवल का आयोजन
> दो दिनों तक फ़िल्मी सितारों से सजा रहा ऐतिहासिक राज दरबार हाल
>  उज्वल है मैथिली सिनेमा का भविष्य
>  व्यवसायिक नजरिये से विकशित होगा मैथिली सिनेमा
>  मिल का पत्थर बनेगा फेस्टिवल
> दो दिनों में 7 फिल्मो का प्रदर्शन
>  200 से अधिक मैथिली फिल्म से जुड़े लोग का हुआ सम्मान

दरभंगा  2-3 march 2013  :  मैथिली सिनेमा के निर्माण का पचास वर्ष पूरा हुआ और इस मौके  पर दरभंगा में  पहले मैथिली फिल्म फेस्टिवल का आयोजन  किया गया । मैथिली फिल्म अकादमी ,दरभंगा के तत्वावधान में आयोजित इस फिल्म फेस्टिवल में राज्य सरकार द्वारा मैथिली फिल्मो को सब्सिडी दिये जाने की मांग को लेकर संघर्ष का एलान किया गया । इस फेस्टिवल में रोचक तथ्य यह रहा की देश के साथ साथ पड़ोसी देश  नेपाल के विभीन्न हिस्सों में फिल्म निर्माण में संलग्न मैथिली पृष्ठभूमि के लोगो ने हिस्सा लेकर फेस्टिवल को महत्वपूर्ण बना दिया । दो दिवसिय फिल्म फेस्टिवल के दौरान सात मैथिली  फिल्मो का प्रदर्शन कामेश्वर सिंह दरभंगा  संस्कृत विश्वविद्यालय के मनोरंजन गृह में हुआ जब की कामेश्वर सिंह दरभंगा  संस्कृत विश्वविद्यालय के एतिहासिक राज दरबार हाल में हुआ मुख्य आयोजन । मैथिली सिनेमा उधोग को गति प्रदान करने के उद्धेस्य से " मैथिली सिनेमा का इतिहास व वर्तमान " व " मैथिली फिल्म निर्माण में तकनीकी समस्या व समाधान " विषय पर विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कलाकारों प्रस्तुति ने  माहौल को मैथिलीमय कर दिया । मैथिली फिल्म उधोग के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए 9 हस्तियों को मैथिलि फिल्म अकादमी {माईफा अवार्ड }   समान से सम्मानित किया गया । 
मैथिली फिल्म के निर्माण की दिशा में पहले प्रयास के लिए मैथिली सिनेमा ममता गाबय गीत के निर्माता स्व० मदन मोहन दास को मरणोपरांत  यह सम्मान दिया गया । ममता गाबय गीत के निर्देशक सी परमानन्द व  अभिनेत्री प्रेम लता मिश्र "प्रेम" को क्रमश:पहले निर्देशक व अभिनेत्री के रूप में सम्मानित किया गया जबकि मैथिली सिनेमा को नई दिशा और दो हिट फिल्म के साथ अब तक के सक्रियता के लिए निर्माता निर्देशक बाल कृष्ण झा को सम्मानित किया गया वही गैर मैथिली सक्रिय निर्देशक के रूप में संतोष बादल को सम्मान दिया गया जब की शम्भू नाथ मिश्र को देश के विभिन्न प्रदेशो में रहकर मैथिली फिल्म निर्माण की दिशा में सकारात्मक प्रयास करने के लिए  सम्मानित किया गया जब की उभरते नायक के रूप में अनिल मिश्रा ,अभिनेत्री के रूप में टिवंकल बोस  को व  संगीत व गायकी क्षेत्र में पवन नारायण को अकादमी द्वारा माइफ़ा अवार्ड से सम्मानित किया गया । फेस्टिवल के दौरान अभिनेत्री टिवंकल बोस ने मैथिली गीतों पर  नृत्य प्रस्तुति कर दर्शको व प्रतिभागियों की खूब तालिया बटोरी उभरते कोरियोग्राफर अमर व उनके सहयोगियों ने भी लोगो को खूब थिरकाया ।
फेस्टिवल के दौरान चन्द्रमणी ,कुञ्ज बिहारी ,पवन नारायण ,बिपिन कुमार  मिश्र ,मनीष श्रीवास्तव ,मदन मोहन ,अनिल बिहारी आदि ने जब गायकी शुरू की तो एतिहासिक दरबार हाल  में बैठे श्रोता व फेस्टिवल में भाग ले रहे प्रतिनिधि झूम उठे हमर मुंक गाम में इ शोर भ गेलै आहा एलियई अंहार स इजोत भ गेलै ...ललिया गे ललिया चमकै छोऊ तोहर कांक बलिया .....,आजू नाथ एक ....कनी हैस क कहु कनी कैस क कहु समेत दर्जनों कर्णप्रिय गीतों पर श्रोता झूमते रहे तो दूसरी ओर अभ्युदा नन्द ने अपने हास्य व्यंग रूपी कविता से खूब गुदगुदाया  फेस्टिवल के दौरान दो दिनों में बालकृष्ण झा की फिल्म सस्ता जिंदगी महग सेनुर ,सेनुरक लाज ,मणिकांत मिश्रा की फिल्म आऊ पीया अपन नगरी ,संजय पुंज की कखन हरब दुःख मोर ,अभिजित सिंह की दुलरुआ बाबू ,जीतेन्द्र झा की फिल्म पीया संग प्रीत कोना हम करबै ,अजय यश की फिल्म गरीबक बेटी ,शामिल किया गया इस मौके पर शीघ्र प्रदर्शित होने वाली दो मैथिली फिल्म चट मंगनी पट भेल बियाह और हमर सौतिन  फिल्म आडियो का लोकार्पण भी किया गया ।
इस मौके पर अब तक बने मैथिली फिल्मो व प्रदर्शित होने वाली फिल्मो के पोस्टर की प्रदर्शनी में आम लोगो ने खूब जानकारिया बटोरी जब की अनिल झा की फिल्म संस्कार के लिए कलाकारों का ओडिशन भी हुआ जब की सी डी फिल्म फेर हेतैय भोर व वीडियो एल्बम इश्क में भेलै बबाल आदि के प्रमोशन भी किया गया एक टेलीफोन डायरेक्टरी का भी भी इस अवसर पर लोकार्पण हुआ जिसमे मैथिली फिल्म उधोग से जुरे निर्माता ,निर्देशक ,गीतकार ,संगीतकार ,नायक ,नायिका आदि का मोबाइल नम्बर भी  संग्रहित किया गया है ।
 मैथिली फिल्म उधोग को गति प्रदान करने के उद्देश्य से "मैथिली सिनेमा का इतिहास व वर्तमान " विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया सेमीनार में मैथिली साहित्य अकादमी में प्रतिनिधि विणा ठाकुर ,निर्माता निर्देशक बाल कृष्ण झा ,निर्माता सूरज तिवारी ,लेखक ऋषि वशिष्ठ ,गीतकार व अभिनेता शम्भुनाथ मिश्र ,आर एस गिरी  व फिल्म समीक्षक कुमार शैलेन्द्र ,अभिनेता अंजनी कुमार, अभिनेत्री टिवंकल बोस प्रेम लता मिश्र ने अपना अपना विचार व्यक्त किया । मैथिली सिनेमा निर्माण में तकनीकी समस्या व समाधान विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मैथिली साहित्य अकादमी अकादमी के अध्यक्ष कमलाकांत झा ,आई बी एम बेला के निदेशक ब्रजमोहन मिश्र फिल्म निर्देशक किशोर नाथ झा व विकाश झा,निर्माता निर्देशक  डॉ अभय झा ,रमेश रंजन तथा अभिनेता विजय मिश्रा ,वितरक व निर्माता अजय यश अभिनेता अनिल मिश्रा और अभिनेत्री भाषा झा  ने सम्बोधित किया । पुन: खुला सत्र  में अभिनेत्री उषा पासवान ,अमित अविचल ,हिमांशु ,अनिल झा ,प्रदीप शर्मा जैसे कलाकारों ने अपने अपने विचार रखा । मंच का संचालन चंद्रमणि ,भास्कर झा ,वरुण कुमार झा ,हेमेन्द्र लाभ ने संयुक्त रूप से किया ।
वही बतादे की इस फिल्म फेस्टिवल 2013 का उद्घाटन निर्देशक सी परमानन्द ने दीप प्रज्वलित कर किया उद्घाटन के क्रम में श्री परमानन्द ने अपने उद्बोधन में कहां की वर्तमान परिवेश की चुनौतीयो को युवा पीढ़ी हाथो हाथ ले तो मैथिली फिल्म का विकास हो कर रहेगा उन्होंने अच्छे फिल्म के लिए अच्छे तकनीशियन व् निर्देशक की टीम होने पर बल दिया । ललित नारायण मिथिला विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ समरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में बतौर विशिस्ट अतिथि वरीय चिकित्सक एस एस झा ,के एस डी एस यु के डीन जीतेन्द्र कुमार ,फिल्म निर्माता निर्देशक बालकृष्ण झा ,प्रेम लता मिश्र "प्रेम ": ने भी सम्बोधित किया बतौर मुख्य अतिथि बिहार के ए डी जी आफ पुलिस  आर के मिश्रा ने कहा  की वर्तमान परिवेश में कम लागत की मैथिली फिल्मो के निर्माण की आवश्यकता है । अच्छी कहानी व अच्छी कलाकार फिल्म की सफलता में सहायक होंगे । उपस्थित अन्य वक्ताओं  फिल्म के माध्यम से भाषा के प्रसार को महत्वपूर्ण बताया । साथ ही स्वच्छ मैथिली फिल्मो की छवि को कायम रखने का आह्वान किया ।
वही मैथिली फिल्म अकादमी दरभंगा के संयोजक शशि मोहन "भारद्वाज "आगंतुको के प्रति आभार प्रदर्शित करते हुए सिने दर्शको से मैथिली फिल्म देखने की अपील की उन्होंने खा ,दर्शको का टिकट  ही फिल्म निर्माण में सहयोग होगा । कार्यक्रम में सफल बनाने में अमित अविचल ,रवि खंडेलवाल ,मोहन मुडारी ,सावन कुमार , प्रकाश झा ,नवेंदु शेखर पाठक  ,नूर आलम नूर ,संतोष कुमार ,कामोद कुमार ,सुजीत आचार्य ,चन्द्र शेखर ,भारतेन्द्र सिंह आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह किया इस पहले मैथिली फिल्म फेस्टिवल का आरम्भ विपिन कुमार मिश्रा के द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ जब कि समापन होली गीतों के साथ हुआ